राज कपूर को जब डायरेक्टर ने कहा मेरी नज़र में गधे हो तुम!

राज कपूर के स्कूल में दूसरी भाषा के रुप में लेटिन भाषा पढ़ाई जा रही थी, जिसके एग्जाम में उन्होंने लिखा था कि लेटिन एक मुर्दा भाषा है और दफनायी हुई भाषा को क्यों जगाया जाए?

इसी उत्तर को देख राज कपूर को इस परीक्षा में 100 में से सिर्फ एक नंबर मिला था, जिसके बाद प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं तुम्हारी पढ़ाई के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं।

राज कपूर को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, जिसकी वजह से वे स्कूल के नाटक में भाग लेते थे। उन दिनों नाटक में भाग लेने वाले को सैंडविच, समोसा और आइसक्रीम के कूपन मिलते थे।

ऐसे में एक बार उन्होंने किरदार निभाया, जिसके बाद वे बार बार बिना किरदार के भी मंच पर चढ़ जाते थे, लेकिन एक बार वे गिर गए, जिसके बाद सब हंसने लगे। इसके बाद डायरेक्टर ने उन्हें पर्दे के पीछे ले जाकर कहा कि मेरी नजर में तुम गधे हो।

राज कपूर को बचपन से ही खाने पीने का शौक रहा है, जिसकी वजह से जब उनके घर पर कोई मेहमान आता था, तब वे स्कूल में छुट्टी है बोल कर घर पर ही रुक जाते थे।

एक दिन कुछ मेहमानों के साथ एक महिला भी उनके घर आई, जिसे देखते ही राज कपूर को प्यार हो गया। उस दिन राज कपूर पूरे समय उसी महिला के ईर्द गिर्द घूम रहे थे और जब वह जाने लगी तो उसे बगीचे में से एक फूल तोड़ कर दिए, लेकिन इसके बाद वे उससे कभी मिल नहीं पाए पर भूला भी नहीं पाए।

राज कपूर को खाने का काफी शौक था, जिसकी वजह वे अलग अलग दुकानों पर जाकर उधारी में खाना खाते थे। ऐसे में जब एक दुकान पर ज्यादा उधारी हो जाती थी, तब वे दूसरी दुकान पर जाकर उधारी करते थे।

लेकिन जब ज्यादा हो जाता था, तब वे अपनी किताब बेच देते थे और फिर घर पर बोलते थे कि किताब खो गई, जिसके बाद घरवाले नई किताब खरीदते थे।

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