नंदिता दास की फिल्म ‘मंटो’ 71वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में शामिल
डायरेक्टर नंदिता दास ने खुशी जताई

नंदिता दास की फिल्म ‘मंटो’ 71वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में शामिल, अभिनेत्री और फिल्म निर्माता नंदिता दास के डायरेक्शन में बनी मचअवेटेड फिल्म ‘मंटो’ को 71वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा।
यह फिल्म इस महोत्सव के अन सर्टेन रिगार्ड कटेगरी में जगह बनाने में सफल हुई है। फिल्म में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो का किरदार निभा रहे हैं। इस ऐलान के बाद से फिल्म से जुड़े कलाकार और डायरेक्टर नंदिता दास ने खुशी जताई है।
We are in Cannes!! #Manto is selected in the official section- Un Certain Regards. Exciting moment for the entire crew & cast. @Viacom18Movies @HP @ajlucio5 @vikbatra @mantagoyal @Nawazuddin_S @RasikaDugal @chintskap @SirPareshRawal @tahirbhasinfc @Javedakhtarjadu @gurdasmaan https://t.co/Rfva438Kpc
— Nandita Das (@nanditadas) April 12, 2018
‘मंटो’ भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय के हालात पर लिखने वाले मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो की जीवनी पर आधारित फिल्म है। महोत्सव की अन सर्टेन रिगार्ड कटेगरी में जाने वाली यह एकमात्र भारतीय फिल्म है।
इस फिल्म महोत्सव का आयोजन 8 से 19 मई तक होगा। फिल्म इंडस्ट्री के ए क्लास एक्ट्रेस नंदिता दास ने फायर, अर्थ और बवंडर जैसी क्लासिक फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा नंदिता दास गुजरात दंगों पर आधारित फिल्म ‘फिराक’ को भी निर्देशित कर चुकी है।
“And it is possible that Saadat Hasan dies, but MANTO remains alive”.
— Nawazuddin Siddiqui (@Nawazuddin_S) April 12, 2018
Glad to inform that ‘MANTO’ is selected for competition at #Cannes2018 in #UnCertainRegard section.
Congratulations @nanditadas and Team #Manto pic.twitter.com/LBKcSVb1vb
नंदिता ने ट्वीट कर कहा, “हम कान्स में हैं। ‘मंटो’ अन सर्टन रिगार्ड की आधिकारिक श्रेणी में पहुंच गई है। पूरी टीम और फिल्म के सदस्यों के लिए यह रोमांचक क्षण है।” नवाजुद्दीन ने लिखा, “संभव है कि सआदत हसन का निधन हो गया है लेकिन मंटो अभी भी जिंदा है।
बताकर खुशी हो रही है कि ‘मंटो’ को कान्स 2018 की अन सर्टेन रिगार्ड आधिकारिक श्रेणी के लिए चुना गया है। नंदिता दास और टीम ‘मंटो’ को बधाई।”
यह फिल्म लेखक मंटो के 1946 से 1950 तक के जीवन पर केंद्रित है। लेखक भारत विभाजन पर लिखी गई अपनी कहानियों के लिए दुनिया भर में विख्यात हैं। उनका जन्म 11 मई, 1912 को हुआ था और वह बाद में पाकिस्तान चले गए। मंटो का निधन 55 साल की उम्र में 18 जनवरी, 1955 को हुआ। जाहिर है कि अब नंदिता दास और नवाजुद्दीन की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है।
मनोरंजन की ताज़ातरीन खबरों के लिए Gossipganj के साथ जुड़ें रहें और इस खबर को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमेंTwitterपर लेटेस्ट अपडेट के लिए फॉलो करें।